एसडीएम निरीक्षण करने पहुंचे तो लोगों ने घेर कर विरोध जताया, फिर विधायक भी पहुंचे
फतेहाबाद। पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश ने जिले के भूना व सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। भूना शहरी क्षेत्र पूरी तरह पानी से डूब चुका है, घर-दुकानें पानी से लबालब हैं तो वहीं सरकारी कार्यालय भी जलमग्न है, जिससे दो दिन तक भूना में लाइट व्यवस्था चरमरा गई। भूना में लाइट न होने के कारण पेयजल भी घरों में नहीं है, जिसकारण लोग प्यासे मर रहे हैं और सीवरेज का गंदा पानी घरों में तैर रहा है। कुल मिलाकर बुरी तरह नारकीय जीवन भूनावासियों का बना हुआ है। भूना में बिगड़ते हालात आज कुछ सुधरने लगे तो ऊपर से फिर बारिश होने लगी।
एसडीएम हालातों का जायजा लेने पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर कर विरोध जताया, बाद में सिरसा-चंडीगढ़ रोड जाम कर बैठ गए। लोगों ने एसडीएम को पूरी समस्या बताई कि घरों में कई कई फुट पानी है, लोग बाहर नहीं निकल सकते, ना लाइट है, ना पानी है। लोग कैसे जी रहे हैं, प्रशासन समझ नहीं सकता। वहीं एसडीएम उन्हें समझाते रहे। वहीं इसके बाद फतेहाबाद विधायक दुड़ाराम भूना में हालातों का जायजा लेने निकले और ट्रैक्टर ट्राली पर क्षेत्र का दौरा किया व लोगों से बातचीत की।
उन्होंने जल्द से जल्द हालात सामान्य करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस दुख और मुसीबत की घड़ी में आपके साथ हूं, पानी कहां निकाला जाए, इसको लेकर सारे विभागों के अधिकारी मीटिंग कर प्लान तैयार कर रहे हैं, जल्द सामान्य हालात किए जाएंगे। खेतों की तरफ पानी नहीं निकाल सकते, क्योंकि खेत डूबे हुए हैं, इस पानी को नहरों आदि से या किसी और तरीके से निकाला जाए, सारी प्लानिंग बन रही है।
वहीं गांवों की बात करें तो फतेहाबाद, रतिया, भूना के अधिकतर गांवों में पानी ही पानी नजर आ रहा है, खेतों में पकी-पकाई फसलें डूब चुकी हैं और खराब हो चुकी हैं। हजारों एकड़ में फसलें चौपट हैं, किसान 70 से 90 प्रतिशत फसलों के खराब होने पर मुआवजा की मांग कर रहे हैं। वहीं कई क्षेत्रों में दो दर्जन के आसपास कच्चे घर भी गिर चुके हैं। गांवों में हालात उस समय और भी बदतर हो गए, जब जोहड़ भी ओवरफलो होने लगे और बारिश व जोहड़ का गंदा पानी लोगों के घरों में जा घुसा। फतेहाबाद के आसपास के सभी गांवों से ऐसी ही तस्वीरें व वीडियो मीडिया में सामने आई हैं।
रतिया के गांव भरपूर के किसानों काा कहना है कि करीब 700 एकड़ में फसलें चौपट हो गई हैं। पकी पकाई धान में 4-4 फुट तक पानी जमा है। किसान ज्ञान पूनिया, रामंचद्र जांगड़ा, सुभाष पूतिनया का कहना है कि 95 प्रतिशत तक फसलें तबाह हैं, सरकार मुआवजा दे।
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