चीतों का भोजन चीतल न बने, जीव प्रेमी बिश्नोई समाज के लोग धरने पर
फतेहाबाद। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में 70 सालों बाद लाए गए चीतों पर विवाद उत्पन्न हो गया है। विवाद है इन चीतों के लिए भोजन बनाए जाने के लिए चीतल और हिरणों को कूनो नेशनल पार्क छोडऩे पर। जीवों की रक्षा के लिए सदैव आगे रहने वाले बिश्नोई समाज में इस फैसले के खिलाफ रोष फैल गया है और आज इसी मामले को लेकर लोगों द्वारा लघु सचिवालय के बाहर धरना शुरू कर दिया गया है।
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हिरण बचाओ की तख्ती लगाकर लोग धरने पर बैठे हैं। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बाहर से चीते मंगवाकर जंगल में छोड़े गए, लेकिन अब उनका भोजन बनाने के लिए चीतल और हिरणों को जंगल में छोडऩे की खबरें आ रही हैं, इससे सरकार को बचना चाहिए और फैसला वापस लेना चाहिए, क्योंकि इससे हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित देशभर में रहने वाले जीव प्रेमी और बिश्नोई समाज के लोगों को आघात पहुंचा है।
प्रधानमंत्री भी अच्छी तरह जानते हैं कि बिश्नोई समाज के लोग जीव रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं, इसलिए अब लोग विरोध में हैं। सरकार के साथ जुड़े समाज के लोग जो सभा के प्रधान या संरक्षक हैं, उन्हें जल्द ही मीटिंग बुलाकर संज्ञान लेना चाहिए और यह सब बंद करवाना चाहिए, ताकि समाज आहत न हो और बात आगे न बढ़े, बात आगे बढ़ी तो आगे तक जाएगी। भाजपा सरकार में समाज के लोग विचार करें और टवीट करने से कुछ नहीं होगा, कठोर फैसला लें।