बागबांन आश्रम की संचालिका अंशुल ने सभी को करवाया आजाद
हिसार। गांव खेदड़ से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी और बच्चों को लंबे समय तक छोटे से कमरे में कैद कर रखा हुआ था। बरवाला के बागबान अनाथ एवं वृद्धाश्रम संचालिका अंशुल जब मौके पर पहुंची तो उन्होंने पाया कि दो बच्चों के पैरों में जंजीर बांधी हुई थी, जबकि एक छोटे से बच्चे को रस्सी से बांधा हुआ था। बाद में पता चला कि ये सभी कई सालों से यहीं कैद हैं और आंगन तक उन्होंने कभी नहीं देखा। इसी छोटे से कमरे में वे दैनिक क्रियाकलाप करते, कपड़े धोते और तवे पर कोयले रखकर रोटी पकाते, पेट भर खाना भी उनको नसीब नहीं होता था। महिला की टांग भी टूटी हुई थी। आश्रम संचालिका द्वारा सूचना देने पर डायल 112 पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को छुड़वाया। फिल्हाल सभी आश्रम पर मौजूद हैं और पुलिस ने अभी तक शिकायत दर्ज नहीं की है।
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आश्रम संचालिका ने बताया कि व्यक्ति के बारे में यही जानकारी सामने आई है कि वह पत्नी पर शक करता है और इसी के चलते उसने उसे कैद कर दिया, जबकि बच्चे गली गांव में खाना आदि मांगने चले जाते तो फिर उन्हें भी जकड़ दिया। अंशुल ने बताया कि कल उन्हें किसी से सूचना मिली थी कि गांव खेदड़ के एक व्यक्ति ने अपने परिवार को कमरे में कैद किया हुआ है। वे गांव पहुंची तो कोई बोलने को तैयार नहीं था। उन्होंने खुद अंदर जाकर आवाज दी तो एक छोटा ढाई तीन साल का बच्चा कमरे के गेट तक आया और उसका हाथ रस्सी से बंधा था, वे यह देखकर हैरान थी। अंदर बंद अन्य बच्चे व महिला बाहर आने को तैयार नहीं थे। जिस पर डायल 112 पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस आने पर गांव के कुछ लोगों ने दबी जुबान में बताया कि काफी साल हो गए उन्होंने परिवार को देखा नहीं है। अंदर दो अन्य बच्चों के पैरों में जंजीर लगाकर ताला जड़ा हुआ था। एक बच्चे की बाजू पर चोट के निशान थे, जबकि महिला की टांग भी तोड़ रखी थी। वे बस उसी कमरे में रह रहे थे, वहीं सारे काम करते थे। उन्होंने बताया कि सभी को आश्रम पर लाकर आजाद किया गया और खाना खिलाया गया।