मथुरा। बीते दिन हमने एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें डॉक्टर्स के हवाले से बताया गया था कि यदि दुर्घटना के दौरान, हृदयाघात के दौरान या किसी कारण से बेहोशी आने पर समय रहते सीपीआर (CPR) दी जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। आज इसका एक जीता जागता उदाहरण मथुरा रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला, जहां एक महिला ने हृदयाघात आने पर अपने पति को 33 सेकेंड तक मुंह से सांस दी और अपने पति को मौत के मुंह से वापस खींच लाई।
जानकारी के अनुसार कोयंबटूर एक्सप्रेस से 67 वर्षीय केशवन अपनी पत्नी दया के साथ दिल्ली से केरल जा रहे थे। वे कोच में बैठे थे कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, उन्हें हृदयाघात आया था। मथुरा स्टेशन पर उन्हें नीचे उतारा गया। सूचना मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल के सिपाही अशोक वहां पहुंचे और महिला को मुंह से सीपीआर देने को कहा, जिस पर महिला ने अपने पति को 33 सेकेंड तक मुंह से सांस दी और सिपाही खुद व्यक्ति की तलियां रगडऩे लगा और सीना प्रेस कर सीपीआर दी। इस पूरी घटना की वीडियो सामने आई है।
व्यक्ति की सांस चलने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि भारत के मात्र 2 प्रतिशत लोग ही जानते हैं कि ऐसी घड़ी में सीपीआर देकर किसी की जान बचाई जा सकती है और संयोग से सिपाही को इसका पता था और व्यक्ति की जान बच गई। इस पर महिला ने उनका धन्यवाद किया।