भूना पहुंचे शहरी निकाय मंत्री ने लोगों से क्यों मांगी क्षमा पढि़ए, बोले अधिकारी अब चैन से ना बैठें

भूना/कुलदीप। भूना में अत्याधिक बरसात से आई बाढ़ के हालातों का जायजा लेने आज शहरी एवं निकाय मंत्री डॉ.कमल गुप्ता भूना पहुंचे। उनके साथ सांसद सुनीता दुग्गल, भाजपा जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, डीसी जगदीश शर्मा व सभी अधिकारी गण मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने सारी स्थिति की जानकारी ली और लोगों से मिले। उन्होंने लोगों से सब्र रखने का आहवान किया और कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा थी, जिस पर किसी का बस नहीं चलता। हर जगह संभव सहायता पहुंची, जहां नहीं पहुंची, उसके लिए क्षमा मांगता हूं।

डॉ.कमल गुप्ता बोले कि यह दुखभरी आपदा आई। आम तौर पर शहरों में नॉर्मल डे्र्रनेज सिस्टम बनाए जाते हैं, जो 8 एमएम के होते हैं, अगर उसको 16 एमएम कर दें तो उमसें उतना पानी नहीं आएगा और वह खराब होने लगेगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग घर 3-4 लोगों की फैमिली के लिए बनाते हैं, उसी हिसाब से प्रबंध होते हैं, राशन पानी आता है, लेकिन एकदम से 20 लोग घर में आ जाएं तो न रहने सोने की व्यवस्था होगी, न खाना पीने की। वैसा ही अब हुआ है।

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एक दम से एक दिन में 377 एमएम बारिश हो गई, जो कभी नहीं हुई। अब 377 एमएम के हिसाब से आगे की प्लानिंग के लिए लोग कह रहे हैं, लेकिन भविष्य में एक हजार एमएम बारिश हुई तो उस हिसाब से करने को करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता, ऐसा होने लगे तो पूरे प्रदेश का बजट एक जगह पर ही लग जाएगा। उन्होंने कहा कि नुकसान तो हुआ है, लेकिन संतोष करना पड़ेगा कि कोई जान नहीं गई। बाकी जो नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री का दिल बहुत बड़ा है, पैसों की कोई कमी नहीं आएगी।

उन्होंने कहा कि इस आपदा में प्रशासन राहत सामग्री पहुंचाता रहा, इसके अलावा सभी एनजीओ, संस्थाएं, ग्रामीण, समाजसेवियों ने भी हर जगह राहत सामग्री पहुंचाई, टैंकर चलाए, लंगर चलाए, लेकिन फिर भी कहीं नहीं पहुंच पाई तो उसके लिए वे क्षमा मांगते हैं। अब जो मेन समस्या पानी की थी, वो खत्म हो गई है, लेकिन पानी से जो नुकसान हुआ है, अब उसे ठीक करना है, अब दीवारें, छतें गिरेगी, लेकिन इस स्थिति से निपटना है।

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उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि चैन से नहीं बैठना है, योजना बनाकर भेजें, कहां क्या कमी र गई है, उसे सरकार पूरा करेगी। जब तक अंदेशा नहीं होता, तब तक आगे की प्लानिंग नहीं हो पाती, अब अंदेशा हो गया है, इसलिए प्रशासन भविष्य के लिए प्लान बनाएं और रिपोर्ट भेजें। भूना शहर ही नहीं आसपास के गांव, ढाणियों की प्लानिंग की जाएगी।

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