Haryana political news : हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच भाजाप को बड़ा झटका लगा है। सूबे में जिन चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा की सरकार चल रही थी उसमें तीन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव में समर्थन कर दिया है। निर्दलीय विधायकों का यह झटका भाजपा को सिर्फ लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाएगा, अक्सर हरियाणा की भाजपा सरकार भी अल्पमत में आ गई है।
कांग्रेस ने की मांग राष्ट्रपति शासन लागू हो ?
कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने बड़ा बयान दिया है की । हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू हो, जिन विधायकों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। उनमें पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि, चौथे विधायक के रूप में राकेश दौलताबाद के भी कांग्रेस खेमें में शामिल होने की खबर थी, पर, वह रोहतक में होने वाली प्रेस वार्ता में नहीं शामिल हुए हैं। जबकि, मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद जेजेपी ने सरकार से समर्थन वापिस ले लिया था। इसके बाद भाजपा ने सरकार बदल दी। वहीं नए सीएम के रूप में नायब सैनी ने कसम ली। विधानसभा में बहुमत हांसिल करने के लिए बीजेपी को 46 विधायक चाहिए थे, लेकिन भाजपा के पास 40 थे। इसके बाद रणजीत चौटाला सहित 4 निर्दलीय विधायकों के साथ समर्थन से नायब को सैनी बहुमत हांसिल करने में सफल हुए थे।
तीन विधायकों ने दिया समर्थन
बता दें की, हालांकी, तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। जबकि, निर्दलीय विधायकों को मंत्रीपद की संभावना थी, पर ऐसा नहीं हो पाया। ऐसे में नाराज विधायकों ने अपना समर्थन भाजपा सरकार से वापिस ले लिया।