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Canada has placed a reward of Rs 30 lakh on a fugitive of Indian origin, know what crime he committed.

Canada news : कनाडा ने भारतीय मूल के भगोड़ा पर रखा 30 लाख का ईनाम, क्या किया अपराध आए जानें

Canada news : कनाडा ने 25 अपराधियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भारतीय मूल के एक भगोड़ा का नाम भी शामिल किया है। धरम सिंह धालीवाल के द्वारा 21 वर्षीय पवनप्रीत की हत्या के मसले में उन्हें कनाडा द्वारा भगोड़ा साबित करते हुए 25 अपराधियों की लिस्ट में रखा है। कनाडा सरकार ने धालीवाल की अरेस्ट के लिए कोई भी जानकारी देने वाले व्यक्ति को 30 लाख रूपये तक का इनाम मिलेगा।

 

 

 

कौन है भगोड़ा धर्म सिंह धालीवाल

धालीवाल सिंह को कनाडा (Canada news) के ( मिसीसॉगा ओंटारियों )का निवासी बताया जाता है। उसे कनाडाई पुलिस ने एक ’’ सशस्त्र और खतरनाक ’’ अपराधी घोषित किया है। पुलिस के मुताबिक, धरम सिंह के ग्रेटर टोरंटो एरिया, विन्निपेग/लोअर मेनलैंड और भारत में कनेक्शन हैं। पील क्षेत्रीय पुलिस फर्स्ट-डिग्री हत्या के लिए धरम सिंह धालीवाल को अरेस्ट करना चाहती है। धरम धालीवाल को बॉलो (Bolo) प्रोग्राम पर रखा गया है। यह गंभीर अपराधों के लिए आंतक व्यक्तियों के लिए है। इस प्रोग्राम के तहत (Canada news) कनाडा के मोस्ट वांटेड संदिग्धों की खोज में नागरिकों को शामिल करने के लिए सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है।

 

 

 

धालीवाल ने पवनप्रीत कौर की हत्या क्यों की ?

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 21 वर्षीय पवनप्रीत कौर की दिसंबर 2022 में बै्रम्पटन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी हत्या से कुछ महीनों पहले, धालीवाल पर कौर के खिलाफ घरेलू-संबंधित अपराधों का आरोप लगाया गया था। धालीवाल ने पुलिस से बचने के लिए कौर की हत्या से पहले आत्महत्या की साजिश भी रची थी। पुलिस बयान में कहा गया है कि, ’’ धालीवाल जानबूझकर सितंबर 2022 में लापता हो गया, लेकिन जांच से पता चला है कि, यह पवनप्रीत कौर की हत्या की प्लानिंग का हिस्सा था। ’’

 

 

 

धालीवाल परिवार के सदस्यों की हो चुकी है गिरफ्तारी

धालीवाल के परिवार के दो सदस्यों, प्रीतपाल धालीवाल और अमरजीत धालीवाल को 18 अप्रैल, 2023 को मॉन्कटन, न्यू ब्रंसविक में अरेस्ट किया गया और उन पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने बताय कि, ’’ जांचकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि, अरेस्टींग से बचने में धालीवाल की मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति को समान आरोपों का सामना करना पड़ेगा। ’’

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America imposed sanctions on three Indian companies, took a tough decision on dealing with Iran

Indian international Company ban : भारत की तीन कंपनियों पर अमेरिका ने लगाई पाबंदी, ईरान के साथ डील करने पर लिया कड़ा फैसला

Indian international Company ban : ईरान के साथ कारोबार करने पर अमेरिका ने एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों पर पांबदी लगाई है। इन कंपनियों में भारत की तीन कंपनियां भी शामिल हैं। इन कंपनियोें पर आरोप है कि, ईरान की ओर से यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की मदद के लिए इन कंपनियों ने डील के साथ ड्रोन भेजे थे। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट का कहना है कि, हमने जांच में पाया है कि, इन कंपनियों ने ईरान के साथ रूस की डील में सहायता की थी। अमेरिका विभाग के मुताबिक, इस डील में मुख्य कंपनी सहारा थंडर थी, जिसने ईरान के ड्रोन्स को दूसरे देशों में बेचने में सहायता की।

 

 

 

भारत की कौन-सी तीन कंपनियों पर आरोप लगे ?

सहारा थंडर को इस डील में सहायता करने के आरोप में भारत की तीन कंपनियों जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया, प्राईवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड पर लगा है। अमेरिकी एजेंसी के मुताबिक ईरानी सैन्य यूनिट सहारा थंडर एक विशाल शिपिंग नेटवर्क वाली कंपनी है। यह ईरान के रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय की ओर से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, रूस, वेनेजुएला और कई देशों में ईरानी वस्तुओं की बिक्रि करती है।

 

 

 

किस तरह भारतीय कंपनियों ने ईरान के साथ काम किया ?

सहारा थंडर ने कुक आइलैंड्स-ध्वजांकित जहाज सीएचईएम आईएमओ 9240914 के लिए भारत स्थित जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के साथ टाइम-चार्टर के साथ करार किया है। इसका प्रबंधन और संचालन संयुक्त अरब अमीरात स्थित सेफ सीज मैनेजमेंट एफजेडई द्वारा किया जाता है। ट्रेजरी विभाग ने कहा है कि, ’ सहारा थंडर ने 2022 से वस्तुओं के कई जहाज भेजने के लिए सीएचईएम का उपयोग किया है। ईरान स्थित अर्सांग सेफ ट्रेडिग कंपनी ने सीएचईएम सहित कई सहारा थंडर-संबंधित जहाज परिवहन में सर्विस की हैं।’

 

 

 

भारतीय कंपनियों ने ईरान के लिए जहाजों का प्रबंधन किया

ट्रेजरी के मुताबिक, ईरान स्थित एशिया मरीन क्राउन एजेंसी ने कई सहारा थंडर शिपमेंट में सहयोग करते हुए ईरान के बंदर अब्बास में बंदरगाह एजेंट के रूप में काम किया हैं। इस दौरान कहा गया है कि, ’ भारत स्थित सी आर्टशिप मैनेजमेंट, प्राईवेेट लिमिटेड और यूएई स्थित कंपनी ट्रांस गल्फ एजेंसी एलएलसी ने सहारा थंडर के समर्थन में जहाजों का प्रबंधन करने के लिए मिलकर काम किया है। इसके एवज में यूएई और ईरान स्थित कोरल ट्रेडिंग ईएसटी ने सहारा थंडर से ईरानी वस्तुएं खरीदी हैं। ’

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Indian student arrested in America for protesting against Israel, let's know who this student is

 Indian Student protest Story : इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन करने पर अमेरिका में अरेस्ट हुई भारतीय छात्रा, आए जानें कौन है ये छात्रा

 Indian Student protest Story :  इजरायल विरोधी प्रदशर्न करने वाली भारतीय मूल की एक छात्रा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका की प्रतिष्ठित प्रिंसटन विश्वविद्यालय में पढ रही है ये छात्रा। सूचना के मुताबिक अरेस्ट की गई छात्रा तमिलनाडु में जन्मी अचिंत्य शिवलिंगन है।

जबकि उसके साथ ही सैयद नाम का एक युवक भी अरेस्ट हुआ है। ये छात्र ( Indian Student protest Story) कई अन्य छात्र नेताओं और सामान्य छात्रों के साथ गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के समर्थन में और इजरायली हमलों का विरोध प्रदर्शन कर रहें थे। जबकि, दोनों की अरेस्ट सूचना प्रिंसटन एल्युमनाई वीकली की रिपोर्ट से मिली है।

 

 

 

विश्वविद्यालय की तरफ से भारतीय छात्रा को मिल रही थी चेतावनी

अरेस्ट दोनों छात्रों पर विश्वविद्यालय की प्रवक्ता जेनिफर मोरिल ने कहा कि, दोनों छात्रों के कैंपस में आने पर रोक लगा दी गई है। जबकि, इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय में बिना परिमशन के टेंट लगाने और प्रदर्शन करने का भी आरोप इन लोगों पर है। दरअसल, इन छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहने की अनुमति होगी।

बता दें कि, तमिलनाडु की रहने वाली भारतीय छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन मार्स्टस इन पब्लिक अफेयर्स की डिग्री ले रही है। वहीं सैयद हसन प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा है। एक बयान में विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने कहा कि, छात्रों ( Indian Student protest Story) को कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी कि, वे स्थान खाली कर देें और राजनीतिक प्रदर्शन न करें।

 

 

 

 

इजरायली पीएम ने की अमेरिका की आलोचना

विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने आगे बताया कि, चेतावनी के बाद ये छात्र ( Indian Student protest Story) नहीं माने तो अरेस्टिंग की गई। जबकि अचिंत्य और हसन की गिरफ्तारी के बाद दूसरे छात्रों ने आंदोलन बंद कर दिया है और वहां से टेंट भी हटा लिए गए हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस आंदोलन में छात्र, फैकल्टी मेंबर और अन्य बाहरी लोग भी शामिल थे। दरअसल, अमेरिका के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीयों में इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। इसे लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अमेरिका की आलोचना की और कहा कि, आपके यहां हमारे खिलाफ बर्बादी के नारे लग रहे हैं।

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India gave Brahmastra to Philippines and China got furious

India supply weapon news : भारत ने फिलीपींस को दिया ब्रह्मास्‍त्र तो आगबबूला हुआ चीन

India supply weapon news : फिलीपींस को भारत की ओर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की डिलीवरी मिलने के बाद चीन का गुस्सा सामने आया है। फिलीपींस को ऐसे दौर में भारत से मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी मिली है, जब उसका बीजिंग के बीच साउथ चाइना सी में तनाव है।

फिलीपींस को मिसाइल की पहली गस्त पहुंचने के एक सप्ताह बाद चीनी सेना की ओर से इस पर बयान दिया गया है। भारत (India supply weapon news) द्वारा फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की डिलीवरी पर सवाल करते हुए चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि, दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग में इस बात का ख्याल रखा जाए कि, इससे किसी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान नहीं पहुंचे।

 

 

 

अमेरिका की तीखी आलोचना

चीनी रक्षा मंत्रालय के सीनियर प्रवक्ता वू कियान ने बयान दिया की, ‘ चीन हमेशा मानता है कि, दो देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से किसी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरा नहीं होना चाहिए। 

वू ने दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन और फिलीपींस के बीच बढ़ती शत्रुता के बीच इस महीने फिलीपींस (India supply weapon news) में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करने के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘एशिया-प्रशांत में अमेरिका की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती का हम कड़ा विरोध करते हैं। अमेरिका का यह कदम क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डालते हुए क्षेत्रीय शांति को खतरा पैदा करता है। 

फिलीपींस को हथियार, पर चीन हुआ सशंकित

 

फिलीपींस ने चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने और अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों का अधिग्रहण किया है, ये उसकी अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने की तरफ एक अहम रणनीतिक कदम है। दक्षिण चीन सागर में दूसरे थॉमस शोल और स्कारबोरो शोल को लेकर चीन और फिलीपींस के बीच तनाव है। जबकी, दूसरी ओर भारत (India supply weapon news) भी चीन के विस्तारवादी रवैये को देखते हुए फिलीपींस के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ा रहा है। ऐसे में चीन इससे सशंकित नजर आ रहा है।

बता दें की, भारत और फिलीपींस के बीच हथियारों का सौदा 2022 में हुआ था। इस डील में तीन मिसाइल बैटरी, ऑपरेटर और अनुरक्षक प्रशिक्षण और एक एकीकृत लॉजिस्टिक्स सपोर्ट (आईएलएस) पैकेज शामिल है। प्रत्येक मिसाइल बैटरी में आम तौर पर दो या तीन मिसाइल ट्यूबों के साथ तीन मोबाइल स्वायत्त लांचर होते हैं, जो अपेक्षित ट्रैकिंग सिस्टम के साथ होते हैं। फिलीपींस को मिली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है।

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America announced the results dates of Diversity Visa-2025, know complete details

Diversity Visa 2025 : अमेरिका ने डायवर्सिटी वीजा-2025 के रिजल्ट की तारीखों की घोषणा की, जानें पूरा विवरण

Diversity Visa 2025 : अमेरिका ने ग्रीन कार्ड लॉटरी रिजल्ट की तारीखों की घोषणा कर दी है। जिसे डायवर्सिटी वीजा (Diversity Visa 2025) के रूप में जाना जाता है। अमेरिकी विदेश विभाग डायवर्सिटी वीजा कार्यक्रम का प्रबंधन करता है। यह कार्यक्रम उन देशों से रेंडमली विजेताओं का चयन करता है, जिनकी अतीत में अमेरिका में इमिग्रेशन रेट कम था और भाग्यशाली विजेताओं को 55,000 तक ग्रीन कार्ड दिए जाते हैं।

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार , डायवर्सिटी वीजा-2025 (Diversity Visa 2025) के परिणाम 4 मई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे से ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार , अमेरिकी विदेश विभाग 12 मई को ग्रीन कार्ड लॉटरी विजेताओं की घोषणा करेगा।

कैसे चेक करें अपना स्टेटस ?

अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा के अनुसार, जिन लोगों ने डायवर्सिटी वीजा-2025 (Diversity Visa 2025) कार्यक्रम के लिए आवेदन किया है, वे आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक पर जाकर अपना कन्फर्मेशन डिटेल दर्ज कर सकते हैं। यह प्रोसेस  4 मई, 2024 को दोपहर (EDT) से शुरू होगी। प्रत्यासियों को सलाह दी गई है कि, उन्हें भविष्य में संदर्भ के लिए अपना कन्फर्मेशन नंबर 30 सितंबर, 2025 तक संभाल कर रखना चाहिए। डायवर्सिटी वीजा-2025 (Diversity Visa 2025) कार्यक्रम के लिए एंट्री पीरियड 4 अक्टूबर, 2023 और 7 नवंबर, 2023 के बीच था।

 

कार्यक्रम के लिए कौन उम्मीदवार है ?

ग्रीन कार्ड लॉटरी में भाग लेने के लिए आवेदकों को दो मुख्य आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। पहली यह कि आवेदकों का जन्म इस कार्यक्रम के लिए उम्मीदवार देश में हुआ हो। ऑफिशियल डायवर्सिटी वीजा (Diversity Visa 2025) प्रोग्राम वेवसाइट पर जाकर उम्मीदवार देश के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है। दूसरी यह कि आवेदकों के पास या तो हाई स्कूल की डिग्री होनी चाहिए या किसी ऐसे पेशे में पिछले पांच वर्षों में दो साल का कार्य अनुभव होना चाहिए जिसके लिए न्यूनतम दो साल के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

 

 

ग्रीन कार्ड के लिए आवेदकों के पास दस्तावेज होना जरूरी है

 

  • दो पासपोर्ट साइज फोटो
  • जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी
  • फॉर्म I-693, मेडिकल जांच की रिपोर्ट और वैक्सीनेशन रिकॉर्ड
  • गैर-आप्रवासी वीजा के साथ पासपोर्ट पेज की कॉपी (यदि लागू हो)
  • प्रवेश (प्रवेश) या पैरोल स्टाम्प (यदि लागू हो) के साथ पासपोर्ट पेज की कॉपी
  • फॉर्म I-94, आगमन/प्रस्थान रिकॉर्ड
  • अदालती रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रतियां (यदि व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है)
  • डीओएस से डायवर्सिटी वीजा लॉटरी (Diversity Visa 2025) के लिए मुख्य आवेदक के चयन पत्र की कॉपी
  • डायवर्सिटी वीजा (Diversity Visa 2025) लॉटरी प्रोसेसिंग शुल्क के लिए डीओएस से रसीद की कॉपी
  • फॉर्म I-601, अस्वीकार्यता के आधार पर छूट के लिए आवेदन (यदि लागू हो)
  • लागू शुल्क  (Diversity Visa 2025)

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Khaki stained again: CBI arrests CIA inspector taking bribe of Rs 5 lakh

CBI raid : खाकी पर फिर लगा दाग : CBI ने सीआईए इंस्पेक्टर को पांच लाख रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

CBI raid : रिश्वतकोरी में फिर हुई खाकी दागदार ! सीबीआई (CBI raid) की टीम ने पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जिला साइबर क्राइम थाना के इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार जा चुका है।

 

 

 

क्या है मामला, जानें पूरी जानकारी

(CBI raid) सूचना के अनुसार , संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा निवासी मरले ली कोरेजवो के पास सितंबर 2022 में उनके मोबाइल पर कॉल आया था। उस समय काल करने वालों ने खुद को बैंक कर्मी बताया था और उसे बातों में उलझाकर बैंक संबंधी डिटेल ली थी।

जिसके बाद आरोपियों ने कंप्यूटर के जरिए बिटक्वाइन खाते को हैक कर लिया, जिसके माध्यम से उससे लगभग 13 लाख डालर यानि लगभग 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में मरले ली कोरेजवो ने संयुक्त राज्य अमेरिका में केस दर्ज करवाया।

 

 

 

अब तक इस मामले में कितने गिरफ्तार हुए है ?

अमेरिका (CBI raid) में दर्ज मामले में जांच में सामने आया था कि धोखाधड़ी भारत में हुई थी। जिन खातों में रकम गई वह सभी भारत के थे। मरले लीज कोरेजवा के अधिवक्ता निहार अग्रवाल ने कोर्ट के आदेश पर साइबर क्राइम थाना में विक्रमजीत सिंह समेत दो महिलाओं आंचल मित्तल और सरिता के विरुद्ध केस दर्ज करवाया गया था।

इस केस में आरोपित विक्रमजीत को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद अब तक आठ आरोपित पकड़े जा चुके हैं। इस ठगी के मामले में एक ज्वैलरी शॉप के संचालक का नाम भी आया था।

सीबीआई (CBI raid) द्वारा साइबर थाना प्रभारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक ने जहां साइबर थाना प्रभारी को निलंबित किए जाने के आदेश दिए हैं। वहीं पुलिस विभाग की अंदरूनी जांच भी शुरू कर दी गई है ।इसके अलावा और किन-किन लोगों से इस मामले में तार जुड़े हैं इसकी भी जांच की जा रही है।

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EU eases rules for Indians! This will be beneficial for those going to Europe

EU Visa : ईयू ने भारतीयों के लिए आसान किये नियम ! यूरोप जाने वालों के लिए ये होगा फायदा

EU Visa (schengen visa ): विदेश में हॉलीडे मनाने या फिर घूमने जाने वालों के लिए यूरोपीय यूनियन ने दी खुशी। ईयू (EU Visa) ने भारतीयों के लिए शेंगेन वीजा को नियमों में काफी ढील दी है। सूजना के अनुसार भारतीयों के वीजा की वैलिडिटी 5 साल तक हो सकती है। जबकि अमेरिका पहले से ही 10 साल का विजिटर वीजा देता है।

बल्कि शेंगेन वीजा पर यूरोप (EU Visa)  जाने वालों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यदि लोगों को लंबे समय तक यूरोप के 27 में से किसी भी देश में रूकना पड़ता था, तो बार-बार वीजा रिन्यू करवाने की चिंता रहती थी। पर अब नए नियमों के बाद लोगों का कागज कामकाज कम हो जाएगा।

 

 

विजिटर वीजा में कितनी मिलेगी वैलिडिटी की छूट

बता दें कि, कम फीस पर यूके लंबे समय का विजिटर वीजा देता है। ईयू (EU Visa) ने अपने बयान जारी करते हुए कहा कि, नए वीजा नियमों के अनुसार भारतीयों लॉन्ग ट्रम और मल्टी एंट्री शेनजेन वीजा दो साल की वैलिडिटी के साथ जारी किया जा सकेगा। जबकि, इसके लिए बीते तीन साल में दो वीजा लेना जरूरी है।

दो साल के वीजा के बाद पांच साल का वीजा भी मिल सकता है। यदि पासपोर्ट की वैलिडिटी पर्याप्त होगी तो वीजा बढ़ाया जा सकेगा। इसके बावजूद schengen visa वीजा धारक वीजा फ्री देशों की यात्रा कर सकता है।

 

इयू ने वीजा के नियमों में कब बदलाव किये है ?

गौरतलब है कि, यूरोपीय यूनियन (EU Visa) ने 18 अप्रैल को ईसी यानि यूरोपीय कमिशन की तरफ से नियमों में परिवर्तन के बाद वीजा नियमों मेें विशेषता दी गई है। इसके बावजूद भारत में रह रहे लोगों के लिए भी शेंगेन वीजा के नियम आसान किए जाएंगे। भारत और ईयू में संबंध मजबूत करने के लिए यह सिफारिश की गई है।

शेंगेन वीजा पर कितने दिनों तक और कितने देशों में यात्रा की जा सकती है ?

गौरतलब है कि, शेंगेन वीजा  schengen visa (EU Visa) बरहाल् भारतीय या़ित्रयों को 90 दिन के लिए मिलता है। जबकि इस वीजा पर 180 दिनों के दौरान 90 दिनों में 29 देशों की यात्रा की जा सकती है। इन देशों में बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोशिया, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, लिथुआनिया, लग्मबर्ग, हंगरी, माल्टा, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवानिया, स्लोवाकिया, पिनलैंड, स्वीड, आईसलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड आदि देश शामिल हैं।

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Slogans of freedom and independence raised in America, demonstration in support of Palestine at Columbia University

America News : अमेरिका में लगे आजादी-आजादी के नारे, कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन

America News : इजरायल और हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। दुनिया भर में दो धड़े बटे हुए हैं। एक जो इजरायल का समर्थक है, तो वहीं दूसरा फिलिस्तीन (America News) का समर्थक है।

न्यूयॉर्क(New York)की कोलंबिया (Colmbia) यूनिवर्सिटी भी इस समय फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनी हुई है। 108 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद भी आइवी लीग यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Colmbia university) में ‘आजादी-आजादी’ के नारे लग रहे हैं।

ट्विटर अकाउंट कैंपस यहूदी हेट की ओर से एक्स पर इससे जुड़ा वीडियो पोस्ट किया गया। इसमें एक महिला स्वतंत्र फिलिस्तीन (Free philistine) के लिए हिंदी में नारे लगाते हुए सुनी जा सकती है। वहीं उसके साथी कोरस में आजादी के नारे लगा रहे हैं। महिला नारा लगाते हुए कहती है, ‘अरे हम क्या चाहते, आजादी फिलिस्तीन की ! आजादी! अरे छीन के लेंगे आजादी है ! हक हमारा आजादी।’ वीडियो में प्रतिष्ठिक लो मेमोरियल लाइब्रेरी (Memorial Libarary) को देखा जा सकता है।

 

 

आजादी के नारे लगाए गए

नारेबाजी करने वाली महिला ने बिंदी लगा रखी है और बेहद साफ हिंदी बोल रही है, जिससे माना जा रहा है कि उसका संबंध भारत से है। वीडियो में वह कहती है, ‘बाइडेन सुन ले, आजादी ! नेतन्याहू सुन ले आजादी’। हालांकि, अब यह वीडियो भारत में ज्यादा (America News) चर्चा में आ गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के आजादी के नारे दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) में कई मौकों पर लगते रहे हैं।

 

 

भारत में लगे थे आजादी के नारे

साल 2016 में कथित तौर पर लेफ्ट छात्रों की ओर से अफजल गुरू की फांसी की सालगिरह के मौके पर एक कार्यक्रम में भी इसी तरह के नारे लगे थे। अफजल गुरू 2001 के संसद हमले में शामिल आतंकी था। इससे पहले गुरुवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Colmbia university) से कम से कम 108 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था।

विरोध प्रदर्शन में शामिल कई छात्रों ने यह भी कहा कि उन्हें यूनिवर्सिटी के बर्नार्ड कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों में इसरा हिरसी भी शामिल थीं, जो विवादास्पद डेमोक्रेट नेता इल्हान उमर की बेटी हैं।

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Earns Rs 80 lakh annually without any hard work! Let's find out what this girl does to earn money

International update : बिना किसी मेहनत के कमाती है, सलाना 80 लाख रुपए ! आए जानें कमाने के लिए क्या करती है ये लड़की

International update : एक आम इंसान को जिंदगी अच्छे से जीने के लिए नौकरी की जरुरत पड़ती हैं। अब ऐसे में कुछ लोग होते हैं जिन्हें नौकरी आसानी से तो मिल जाती है लेकिन उनका वहां काम करने का बिल्कुल मन नहीं करता क्योंकि वहां काम ऐसा होता है कि, हम करना नहीं चाहते और नौकरी (International update) में ऊपर से प्रेशर और ज्यादा बनाया जाता है, लेकिन कुछ लोग होते हैं। जो कम मेहनत के भी उस काम को कर लेते हैं, जिससे बाद में अच्छी-खासी इनकम हो। ऐसी ही एक लड़की की कहानी इन दिनों चर्चा में है।

 

 

हम बात कर रहे हैं, अमेरिका के हॉस्टन (International update) की रहने वाली ग्रेस रयू (Grace Ryu) के बारे में। ग्रेस रयू अपनी मर्ज़ी के मअनुसार नौकरी करती है। उसे ऐसे काम में संतुष्टि भी मिलती है। अपने इस काम के बदले उसे हर साल $96,000 यानि 80 लाख 15 हजार रुपये मिलते हैं। इतने पैसे मिलने के बावजूद वो उसे कहीं भी टिककर नौकरी करने की जरूरत नहीं है। न्यूयॉर्क पोस्ट (International update) में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेस एक ऐसी जगह नौकरी करती है! जो उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करे।

 

 

 

लड़की कैसे कमाती है इतना पैसा?

अमरीकी मीडिया (International update) से बात करते हुए लड़की ने अपने बिजनेस के बारे में बताया कि, उसने अपनी स्टूडेंट लाइफ में ही पैसा कमाने का एक ऐसा जुगाड़ निकाला, जिससे अब उसे कभी 9 TO 5 वाली नौकरी करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। ग्रेस बताती है कि, ये मज़ेदार होता है आप जहां जब मन करे ! नौकरी करने लगें। मैं हॉस्पिटैलिटी से लेकर टेक्नोलॉजी और सेल्स तक की नौकरी कर लेती हूं और उसके साथ नैनी के काम को उसने जारी रखा है।

 

ग्रेसी बताती है कि, उसने न्यूयॉर्क में कुछ महीने तक लिव इन नैनी की नौकरी की और फिर दो महीने के लिए वो टेक्स वापस आ गई और वहीं उन्होंने पार्ट टाइम नैनी का काम करना शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने टेक सेल्स और अकाउंट मैनेजर के तौर पर भी नौकरी की।

 

नैनी के अलावा उन्होंने डॉगवॉकर क्रिएटर, टिकटॉक पार्टनर एनफ्लुएंसर, मार्केटर जैसी कई फ्रीलांस नौकरियां करने के बाद वो अपने माता-पिता के घर में रहने कोरिया चली गई। ग्रेस का कहना है कि, वो फिलहाल नौकरी नहीं करना चाहती और इसी तरह से अपने काम को कर अपने जीवन को जीना चाहती है।

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America news : अब अमेरिका में रहना होगा मुश्किल, अमेरिका में बसने का सपना देख रहे हैं तो ठीक से सोच लीजिए

America news : दशकों से रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड (जीसी) का इंतजार करते-करते थक चुके भारतीयों को अमेरिका में रहने में मुश्किलें बढ़ रही हैं। हाल ही में, अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) ने गर्व से एक्स पर पोस्ट किया कि भारत की एक 99 वर्षीय महिला को नागरिकता प्रदान की गई है। ‘वे कहते हैं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। यह बात 99 वर्षीय इस महिला के लिए सच साबित होती है जो हमारे ऑरलैंडो ऑफिस में नई अमेरिकी नागरिक बन गई हैं। दाईबाई भारत से हैं और निष्ठा की शपथ लेने के लिए उत्साहित थीं। ‘

एक व्यक्ति ने यूएससीआईएस को जवाबी बयान देते हुए लिखा, ‘हाहाहा, जल्द ही आप मरणोपरांत ग्रीन कार्ड देंगे!’ ग्रीन कार्ड अमेरिकी नागरिकता (America news) की ओर पहला कदम है। आम तौर पर, जी.सी. रखने के पांच साल बाद ही (अगर आप किसी अमेरिकी नागरिक से विवाहित हैं तो यह अवधि तीन साल तक कम हो जाती है) आप नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। दिक्कत यह है कि अगर आप भारत से हैं तो इसके लिए दशकों तक लाइन में लगना पड़ता है।

 

अमेरिका ने 1920 से लीगल इमीग्रेशन को कर रखा है बैन

बता दें की, 1920 के दशक से ही अमेरिका (America news) ने लीगल इमीग्रेशन को प्रतिबंधित कर रखा है। कैटो इंस्टीट्यूट में इमीग्रेशन स्टडीज के निदेशक डेविड जे बियर बताते हैं कि यह सिस्टम उन लोगों को प्लान पूरी तरह से फेल कर देती है जो वैध और व्यवस्थित तरीके से ‘अमेरिका में रहने के सपने’ को पूरा करने की आकांक्षा रखते हैं।

उनके फरवरी 2024 के रिसर्ट में पता चलता है कि ‘ग्रीन कार्ड अप्रूवल रेट रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। ये दिखाता है कि ग्रीन कार्ड का आवेदन जमा करने वालों में से महज 3 फीसदी को ही वित्त वर्ष 2024 (30 सितंबर, 2024 को समाप्ति) के दौरान स्थायी दर्जा प्राप्त होगा।

 

1 अक्टूबर, 2023 तक, लगभग 34.7 मिलियन एप्लिकेशंस पेंडिंग थे। 1996 में लगभग 10 मिलियन से ज्यादा आवेदन लंबित थे। कैटो इंस्टीट्यूट में इमीग्रेशन स्टडीज के निदेशक डेविड जे बियर कहते हैं कि इनमें से कई लोग सही मायने में आवेदक नहीं हैं। अधिकांश (ज्यादातर भारतीय) कैप नंबर उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वे औपचारिक ग्रीन कार्ड आवेदन दायर कर सकते हैं।

समग्र सीमा के अलावा, चाहे वह रोजगार या परिवार आधारित जी.सी. के लिए हो, कोई भी देश ग्रीन कार्ड (देश की सीमा) के 7 फीसदी से अधिक प्राप्त नहीं कर सकता है। यह लिमिट भारतीयों और, कुछ हद तक, चीनी नागरिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी, जिसने हाल ही में इमिग्रेशन संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया है, बताया कि 1.2 मिलियन से अधिक हाई स्किल्ड भारतीय, जिनमें उनके आश्रित भी शामिल हैं, पहले, दूसरे और तीसरे रोजगार-आधारित जी.सी. कैटेगरी में प्रतीक्षा कर रहे हैं।

 

रोजगार के आधार पे मिलता है ग्रीन कार्ड

वित्त वर्ष 2024 में, लगभग 8 फीसदी पेंडिंग रोजगार आधारित आवेदनों को ग्रीन कार्ड के लिए स्वीकृत किया जाएगा। लेकिन इनमें से अधिकांश उन आवेदकों को नहीं मिलेंगे जिन्होंने सबसे लंबे समय तक इंतजार किया है। वहीं अमेरिका (America news) कुल सीमा 1.4 लाख प्रति वर्ष निर्धारित की गई है, साथ ही इस श्रेणी में आने वाले परिवार से संबंधित ग्रीन कार्ड भी शामिल हैं।

इसके बजाय, देश की सीमा के कारण, अगले साल अप्लाई करने वाले आवेदक चीन और भारत के आवेदकों को पीछे छोड़ देंगे। इनमें से कई पहले से ही 100 से अधिक वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पहले के रिसर्च से पता चला था कि भारत से रोजगार आधारित GC बैकलॉग (EB-2 और EB-3 स्किल्ड कैटेगरी) मार्च 2023 में 1 मिलियन को पार कर गया। अगर मृत्यु और ‘उम्र बढ़ने’ जैसे कारकों पर विचार किया जाए, तो GC के लिए प्रतीक्षा अवधि 54 साल है। अन्यथा, यह 134 साल है।

 

क्या है ? परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड

इस श्रेणी में प्रतीक्षा कर रहे 4.14 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड प्राप्त करने से पहले ही मर जाएंगे। भारतीय परिवारों के 1 लाख से अधिक बच्चे वयस्क हो जाएंगे (21 वर्ष के हो जाएंगे), और उनका डिपेंडेंट वीजा अब मान्य नहीं होगा, और वे ग्रीन कार्ड की लाइन से बाहर हो जाएंगे।

इन 21 वर्षीय लोगों के लिए, इसका मतलब है इंटरनेशन स्टूडेंट वीजा (America news) या फिर सेल्फ डिपोर्टेशन। अध्ययन के बाद, अगर वे अमेरिका में रहना जारी रखना चाहते हैं, तो इतिहास खुद को दोहराता है, H-1B और ग्रीन कार्ड बैकलॉग के प्रयासों के साथ ही ऐसा होगा।

जी.सी. धारकों के जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के लिए 2.26 लाख की सीमा है। यहां तक कि अमेरिकी नागरिकों के वयस्क बच्चे और भाई-बहन भी इस श्रेणी में आते हैं। यहां, मेक्सिको और फिलीपींस के लोगों को सबसे लंबा इंतजार करना पड़ता है।

 

बाइडेन के 2020 के चुनावी वायदे

अपने 2020 के चुनावी अभियान में, जो बाइडेन ने कानूनी आव्रजन प्रणाली (लीगल इमिग्रेशन सिस्टम) में सुधार का वादा किया था। 21 जनवरी, 2021 को पदभार ग्रहण करने के अपने पहले दिन, उन्होंने कांग्रेस को यूएस सिटिजनशिप एक्ट भेजा। भारतीय प्रवासियों के लिए और वास्तव में, अमेरिका (America news) में रहने के इच्छुक लोगों के लिए – रोजगार-आधारित वीजा बैकलॉग को साफ करने का प्रस्ताव इसमें था। इसके अलावा अनयूज्ड वीजा को फिर प्राप्त करने, लंबे प्रतीक्षा समय को कम करने और प्रति देश वीजा कैप को समाप्त करने के प्रपोडल भी इसमें प्रमुख थे।

इस विधेयक में एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को काम करने की अनुमति भी दी गई है। उनके बच्चों को सिस्टम से ‘वृद्धावस्था से बाहर’ होने से बचाया गया है। ये सुधार – भले ही इसके बाद आए द्विदलीय विधेयकों सहित कई अन्य बिल में नजर आया। हालांकि, ये फलीभूत नहीं हुए। 2024 के लिए बाइडेन का कैंपेन लोगो है- ‘चलो काम खत्म करते हैं’। अभी तक, राजनीतिक बहसों और तीखे हमलों में बॉर्डर कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारतीय प्रवासी इंतजार कर रहे हैं।

 

भारतीयों के प्रति ट्रम्प का प्रस्तावित नियोजना

भारतीय प्रवासियों के दृष्टिकोण से, जन्म से नागरिकता (America news) को खत्म करना एक गंभीर मुद्दा होगा। ट्रम्प की ओर से लीगल इमिग्रेशन पर भी नकेल कसने की संभावना है।

इसमें फिर से H-1B वीजा में पत्नियों के वर्क परमिट को खत्म करने, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा अवधि को सीमित करने, उनके लिए अध्ययन के बाद के स्टडी वर्क प्रोग्राम को सीमित करने और H-1B वीजा कार्यक्रम में सख्ती लाने से संबंधित नीतियों को देख सकते हैं। जैसे कि इन वीजा (America news) को सबसे अधिक वेतन पाने वालों को आवंटित करना। लीगल इमिग्रेंट्स के लिए बदलाव की हवा अभी तक आती नहीं दिख रही है।

डोनाल्ड ट्रम्प का इमिग्रेशन विरोधी रुख, कथित तौर पर, और भी तेज होगा। बड़े पैमाने पर निर्वासन, डाका (डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स) को खत्म करना, जो उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है जो बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों के बच्चों के रूप में अमेरिका में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा मुस्लिम देशों से आने वालों के लिए यात्रा प्रतिबंध कार्ड पर प्रतीत होते हैं।

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