The sycophant game of private school operators, the admission form was formatted with great effort in small font.

Haryana Private school Information : निजी स्कूल संचालकों का चापलूस खेल, दाखिला फॉर्म पर छोटे फॉन्ट में जान भुजकर फॉर्मेट किया

Haryana Private school Information : हरियाणा में निजी स्कूल संचालकों ने बचाव के लिए अंडरटेकिंग का नया खेल खेला है। महेंद्रगढ़ हादसे के बाद बसों की खामियां दूर करने के बजाय कुछ स्कूलों ने बचाव का रास्ता निकाला है। दाखिला फॉर्म में छोटे फॉन्ट में हादसा होने पर नहीं होगी स्कूल की जिम्मेदारी लिखवाया है। अनजाने में अभिभावक भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।

स्कूली वाहन में दुर्घटना होने के बाद स्कूल संचालकों पर दोष न लगे, इससे बचने का रास्ता भी निकाल लिया है। दाखिला फार्म में ही स्कूल के नियमों में एक लाइन जोड़कर अभिभावकों से इस संदर्भ में अंडरटेकिंग ली जा रही है। ताकि भविष्य में यदि हादसा होता है तो स्कूल संचालक इसी फार्म को अभिभावकों को दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकें। वहीं अभिभावक भी अनजाने में हस्ताक्षर कर रहे हैं।

 

 

महेंद्रगढ़ में स्कूल (Haryana Private school Information) बस हादसा होने के बाद कुछ स्कूल संचालक बसों को सुधारने की बजाय अपनी जिम्मेदारी से बचने के रास्ते ढूंढ़ रहे हैं। दाखिला फार्म में ही लाइन लिखवा दी गई है कि ‘मैं छात्रों के परिवहन के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। भ्रमण के दौरान/स्कूल जाने या वापस आने के दौरान और यह पूरी तरह से मेरे अपने जोखिम और जिम्मेदारी पर है।’

ALSO READ  Mata Vaishno Devi Darshan News : अब माता वैष्णो देवी के दर्शन कम ही समय में होंगे, श्रद्धालुओं के लिए जून से शुरू होगी ये बड़ी सेवा

निजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अलावा कुछ प्ले-वे स्कूलों ने भी यही रास्ता अपनाया है। वैसे तो वे किसी भी अभिभावक से इस तरह का शपथ पत्र नहीं ले सकते लेकिन दाखिला प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए अभिभावकों से एक ही फार्म में नया नियम बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। प्रदेश में करीब 15 हजार निजी स्कूल हैं, जिनके करीब 41 हजार वाहन बच्चों को लाने-ले जाने के लिए परिवहन विभाग के पास पंजीकृत हैं। इनमें से भी 15 से 20 प्रतिशत वाहनों की तीन-चार वर्ष से पासिंग नहीं हुई।

 

 

प्राइवेट स्कूल शिक्षक एडमिशन फ्रॉम छात्रों से फिल करवा रहे हैं

जबकि, कुछ स्कूलों (Haryana Private school Information) ने इस अंडरटेकिंग को स्कूल नियमों में शामिल करते हुए नए फार्म छपवाए हैं। ऐसे स्कूल पुराने विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी स्कूल में बुलवाकर नया फार्म भरवा रहे हैं। हालांकि हवाला इसके पीछे नया रिकाॅर्ड बनाने का दिया जा रहा है। लेकिन रिकाॅर्ड की आड़ में अभिभावकों से अपने बचाव की अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।

ALSO READ  Haryana political news : सिरसा लोकसभा सीट पर अशोक तंवर व सैलजा आमने सामने, सैलजा को भीतरघात का खतरा

 

 

प्राइवेट स्कूल शिक्षक विधार्थियों और उनके परिचनों को फार्म पढ़ने का भी अवसर नी दे रहे

बता दें की, अभिभावक एकता संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश नरूला का कहना है कि दाखिले के समय स्कूल संचालक केवल सुविधाओं और उपलब्धियों का गुणगान करते हैं। इसी दौरान खुद ही बच्चे का फार्म भरकर तुरंत हस्ताक्षर करा लेते हैं। अभिभावकों को फार्म पढ़ने का भी समय नहीं देते। अनजाने में अभिभावक ठगे जा रहे हैं। दाखिला फार्म में स्कूल के नियमों के साथ बीच में छोटे फॉन्ट में एक लाइन लिखवाई गई है।

 

 

परिवहन विभाग ने नियम पूरे ना करने पर स्कूलों को चेताया

परिवहन विभाग निरक्षक सुरेंद्र सैनी के अनुसार, अगर किसी स्कूल बस का हादसा होता है और सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के मानकों को बस पूरा नहीं करती तो मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार स्कूल पर कार्रवाई होती है। अगर बच्चे अभिभावकों की सहमति से लगे निजी ऑटो या किसी अन्य वाहन में स्कूल जाते हैं और इस वाहन का हादसा होता है तो, स्कूल से बाहर हादसा होने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।

ALSO READ  मोदी के सपनों का भारत बनाने के लिए भाजपा का साथ दें: डॉ. अशोक तंवर

 

 

डीईओ ने कहा की, प्राइवेट स्कूल अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते

अपनी जिम्मेदारी से स्कूल (Haryana Private school Information) पीछे नहीं हट सकते हैं। अंडरटेकिंग लिखवाने से भी वे बच नहीं सकते हैं। हादसे के दौरान यदि बच्चे की गलती हो तो अलग बात है। यदि चालक की गलती से या बस की कमी से हादसा होता है तो स्कूल ही जिम्मेदार है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *