Haryana government preparing for floor test, Governor asked for signatures from 30 Congress MLAs

Haryana Political News : फ्लोर टेस्ट के लिए तैयारी में हरियाणा सरकार, राज्यपाल ने 30 कांग्रेस विधायकों से मांगे दस्तखत 

Haryana Political News : लाेकसभा चुनावों के बीच में हरियाणा की राजनीति गर्मियों के दिनों में गर्मी से ज्यादा गर्मा हुई है। हरियाणा में सीएम नायब सिंह सैनी की भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद विप़क्ष के एकजुट होने पर ठगमगा गई है। सूचना के मुताबिक, भाजपा सरकार फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि, हरियाणा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। उन्होंने कहा कि, जजपा को इस मामले को नहीं उठाना चाहिए था। पर अब उन्होंने उठा लिया है तो वो कटघरे में फंस गए हैं और जजपा के 6 विधायक हमारे संपर्क में हैं। खट्टर ने दावा किया कि, कांग्रेस भी एकजुट नहीं है, 30 में से चार या 5 विधायक छिटकर कांग्रेस के खेमे में सेंध लगा सकते हैं।

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राज्यपाल ने कांग्रेस से 30 विधायकों के हस्ताक्षर मांगे हैं 

हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों सोमवीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान सिंह ने कहा कि, 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में इस वक्त 88 विधायक हैं, जिसमें भाजपा के 40 विधायक हैं।

कांग्रेस का दावा है कि, बीजेपी सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था। पर, अब जजपा और तीन निर्दलीयों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में भाजपा की सरकार अल्पमत में आ गई है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी कांग्रेस और जजपा के विधायकों में सेंध लगाने की दावा कर रही है। इस कारण राज्यपाल ने कांग्रेस के 30 विधायकों के हस्ताक्षर मांगे हैं। 

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 क्या हरियाणा में भाजपा सरकार गिर सकती है ?

हरियाणा सरकार में भाजपा के पास 45 विधायकों का समर्थन है, जबकि 40 विधायक उनकी अपनी पार्टी के हैं और पांच निर्दलीय हैं। इनमें से दो विधायक मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। क्योंकि भाजपा ने उनकों लोकसभा चुनावों के मैदान में प्रत्याशी उतारा है। ऐसे में भाजपा के पास विसी में 43 विधायकों की संख्या रह गई है। जिसके कारण भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। 

जबकि, तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी से कांग्रेस के पास भी सरकार बनाने का कोई भी मौका नही है? क्योंकि कांग्रेस के पास तीस विधायक हैं, तीन और जुड़े तो ये संख्या 33 होती है। वहीं जजपा के 10 विधायक कांग्रेस के साथ तो फिलहाल जाने की स्थिति में नहीं हैं और जाते भी है तो ये संख्या 43 ही होती है। इसलिए भाजपा सरकार नहीं गिर पायेगी ।

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