फतेहाबाद। जिले सहित पूरे हरियाणा में इस समय प्रदूषण खतरनाक स्तर पर जा चुका है। एयर क्वालिटी इंडैक्स भी बहुत खराब स्तर 360 के पार जा चुका है। पिछले तीन दिन से फतेहाबाद का आसमां पूरी तरह धुएं से ढका हुआ है। शाम के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, क्योंकि उस समय ज्यादातर पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। शाम को सड़क पर सांस लेना दूभर होता है तो वहीं आंखों में भयंकर जलन महसूस होती है। जिसकारण इन दिनों खांसी, जुकाम, बुखार के मामले भी काफी बढ़े हैं।
आखिरकार इसकी गाज पटवारी, ग्राम सचिव, नंबरदार और कृषि विभाग के कर्मचारियों पर गिरनी शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने एक गांव में ज्यादा फायर लोकेशन सामने आने पर वहां के पटवारी, ग्राम सचिव और कृषि विभाग के कर्मचारी को रूल 8 के तहत चार्जशीट कर दिया है, वहीं दो नंबरदारों को सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा तीन किसानों के आम्र्स लाइसेंस रद्द करने को लेकर उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि इस वर्ष अब तक हरियाणा में सर्वाधिक पराली जलाने वाले जिलों में फतेहाबाद दूसरे नंबर पर है। वहीं पंजाब के अकेले संगरूर जिले ने हरियाणा से भी ज्यादा पराली जलाई है। चौकाने वाले आंकड़े खबर के अंत में देखें।
कितनी लोकेशनं फतेहाबाद में
कृषि अधिकारी डॉ. विनोद कुमार फौगाट ने बताया कि आज तक जिले में इस सीजन 442 एक्टिव लोकेशन मिली हैं, जिनमें सैकड़ों किसानों को 3 लाख 43 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके बावजूद किसान नहीं मान रहे हैं और बर्निंग केस सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में 5 या उससे ज्यादा एक्टिव लोकेशन मिली हैं, वहां के पटवारी, ग्राम सचिव व नंबरदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, इससे भी ज्यादा आग के मामले सामने आने पर तीन कर्मचारियों को चार्जशीट कर दिया है। जबकि दो नंबरदारों को सस्पेंड किया गया है।
डीसी बोले, सख्ती भी जागरूकता भी
वहीं इस बारे में जिला उपायुक्त जगदीश चंद्र ने बताया कि किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है, सख्ती भी बरती जा रही है। अभी तक काफी पटवारियों, ग्राम सचिवों और कृषि विभाग के मौके पर तैनात ड्यूटी अधिकारियों को नोटिस दिए जा चुके हैं। इनके अलावा एक गांव के पटवारी, ग्राम सचिव व कृषि विभाग के कर्मचारी को रूल 8 के तहत चार्जशीट किया गया है। जबकि दो नंबरदारों को सस्पेंड किया गया है। इसी से संबंधित दो किसानों को आम्र्स लाइसेंस संस्पेंड करने के लिए नोटिस जारी कर कारण पूछा गया है। तीन दिन में कारण बताना होगा, नहीं तो लाइसेंस सस्पेंड किए जाएंगे।
पराली जलाने में दूसरे स्थान पर फतेहाबाद
हरियाणा में सरकार व प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद किसान मान नहीं रहे और जोरों से पराली जला रहे हैं। इस वर्ष सितंबर से नवंबर तक सर्वाधिक कैथल जिले में 563 लोकेशन सामने आई हैं, जबकि फतेहाबाद में अब तक सर्वाधिक 442 लोकेशन सामने आ चुकी हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में यह कम है। पिछले वर्ष फतेहाबाद में इस अवधि में 506 लोकेशन मिली थीं। जबकि 2020 में कोरोना काल के दौरान 318 लोकेशन सामने आई थीं। तीसरे नंबर पर जींद है, जहां 297 मामले सामने आए हैं। पूरे प्रदेश में सितंबर से 3 नवंबर तक 2377 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं।
हरियाणा से ज्यादा आग अकेले संगरूर जिले में लगी
वहीं पंजाब की बात करें तो यह आंकड़ा और भी ज्यादा भयावह नजर आता है और हरियाणा में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पंजाब भी माना जा रहा है। पंजाब में इन तीन महीनों में भयंकर तरीके से 24 हजार 146 जगहों पर आग लगाई गई है। जिनमें संगरूर जिले में 3513 लोकेशन मिली हैं और संगरूर जिला हरियाणा के काफी करीब है। यानि पूरे हरियाणा से ज्यादा लोकेशन अकेले संगरूर जिले में मिली हैं। इसके बाद पटियाला में 2588 लोकेशन मिली हैं।