फतेहाबाद में आयोजित पंचायत मंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में दो तीन गांवों के सरपंचों ने हंगामे का प्रयास किया लेकिन मंत्री ने उन्हें स्पष्ट जवाब दिया कि कि भ्रष्टाचार रुकने पर जिनको तकलीफ है वही विरोध कर रहे हैं और कामयाब नहीं होने देंगे। जिसके बाद हंगामा करने वाले सरपंच कार्यक्रम छोड़ कर चले गए। आपको बता दें कि हंगामा करने वाले सरपंचों में कांग्रेस के युवा जिला अध्यक्ष चंद्रमोहन पोटलिया भी शामिल थे।
फतेहाबाद के लघु सचिवालय में पंचायती राज संस्थाओं के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से संवाद करने पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली पहुंचे थे। देवेंद्र सिंह बबली का संबोधन शुरू होते ही चंद्रमोहन पोटलिया ने उन्हें रोकना चाहा तो देवेंद्र बबली ने कहा कि वह आपकी बात सुनने ही आए हैं इसलिए एक बार उन्हें अपना संबोधन देने दीजिए, जिसके बाद पुलिस ने पोटलिया को शांत कर बैठा दिया। इसके बाद देवेंद्र बबली ने पंचायत मंत्री रहते हुए अपने कार्य गिनाए, प्रदेश सरकार की खूबियां गिनाई। उन्होंने बताया कि पंचायत में चुनी जा चुकी है और अगले साल मार्च तक एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है जो आपके जीवन में बदलाव लाएगा।
गांवों में लाइब्रेरियां खोली जा रही हैं। कम्युनिटी सेंटर बना दिए गए हैं तो वहीं अब आधुनिक दो स्टार की जिम भी शुरू की जाएंगी, जिसका लाभ ग्रामीणों को उठाना है। 1000 गांव की लाखों किलोमीटर की फिरनियाँ स्ट्रीट लाइट से रोशन होगी और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरपंच अपने अपने गांव की विकास का इस्टीमेट बनाकर भेजें पैसों की बोरी खोल देंगे। गांव को अब सिर्फ नाली और गली के विकास तक सीमित नहीं रहने दिया जाएगा। गांवों को चहुंमुखी विकास करवाकर शहरों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। गांवों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ईटेंडरिंग प्रणाली लागू की गई यह उन्हीं का विचार था और मुख्यमंत्री ने इस को लागू किया।
इससे सरपंच के अधिकार खत्म नहीं होंगे बल्कि सारे काम सरपंच के द्वारा ही होंगे, लेकिन ई टेंडरिंग प्रणाली से काम होंगे। उन्होंने बताया कि पहले एक गली बनती थी जिसके सरपंच भी रुपए ले जाते थे ब्लॉक समिति भी उसी गली के बिल पास करते थे और फिर जिला परिषद के तहत भी उसी गली के बिल पास हो जाते थे। अब ये काम नहीं होंगे। पंचायत मंत्री का संबोधन खत्म होने को ही था कि उन्होंने जिक्र किया कि उनके मंत्री बनने के बाद हजारों शिकायतें आई हैं जिनमें पंचायतों में घपले बाजी की शिकायतें भी सामने आई है।। मंत्री के इतना कहते ही चंद्रमोहन पोटलिया एक बार फिर खड़े हो गए और विरोध जताने शुरू कर दिया।
उनके साथ दो-तीन अन्य सरपंच भी विरोध जताने लगे। चंद्रमोहन पोटलिया को समझाते हुए देवेंद्र बबली ने कहा कि मैं शरीफ़ मंत्री हूं, आपकी बात सुनने आया हूं मेरा फायदा उठाओ। विरोध अभी चल ही रहा था कि देवेंद्र बबली ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सिर्फ चार पांच सरपंच ही ऐसे हैं जो विरोध कर रहे हैं , कुछ ही लोगों को इटेंडरिंग से तकलीफ हो रही है। लेकिन अब पैसा नहीं खाने दिया जाएगा। बबली ने कहा कि प्रदेश में उनके जो कार्यक्रम हुए हैं उनमें जानबूझकर विरोध करवाया। इस दौरान जब मंत्री ने अपना भाषण समाप्त किया तो विरोध करने वाले सरपंच मौके से चले गए। वही इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए देवेंद्र बबली ने कहा कि की ईटेंडरिंग का विरोध बिना मतलब हो रहा है। उनके कार्यक्रम में सिर्फ दो-तीन किलकी मार होते हैं जो विरोध करते हैं और 95% से ज्यादा लोग उनकी बातों से सहमत होते हैं। कोई भी इस प्रणाली का विरोध करने वाला यह बताएं कि इसमें क्या गलत है वह उसे और सुधारेंगे।
उन्होंने कहा कि जब सरकार के हर विभाग का कार्य टेंडरों के द्वारा हो रहा है तो यहां विरोध क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरपंच अपने गांव में इतना विकास करवाएं कि अगले 5 साल बाद 50 परसेंट से ज्यादा सरपंच सर्वसम्मति से बनकर आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के पैसे पर जो रिकवरी एजेंसियां चला रहे हैं। सिर्फ उन्हें तकलीफ है ऐसा अब नहीं होने दिया जाएगा।